DA Hike : खुशी से उछले सरकारी कर्मचारी! सैलरी में 186% बढ़ोतरी
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन आयोग (Pay Commission) से जुड़ी चर्चा एक बार फिर गरमाई है।
8th pay commission DA Hike : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में ट्रेड यूनियनों के साथ बजट पूर्व बैठक (Pre-Budget Meeting) के दौरान 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर अपना सकारात्मक रुख व्यक्त किया। यह बयान सरकार की आगामी बजट तैयारियों के दौरान आया है और इससे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को राहत की उम्मीद जगी है।
बैठक में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव और अन्य प्रमुख अधिकारी भी उपस्थित थे। यूनियन प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वेतन संबंधी समस्याओं को उठाया और एक नए वेतन आयोग (New Pay Commission) की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान वित्त मंत्री ने यूनियनों की चिंताओं को गंभीरता से सुना और वेतन आयोग के गठन को लेकर समर्थन व्यक्त किया।
8वें वेतन आयोग से जुड़े संभावित बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर 8वें वेतन आयोग की स्थापना होती है, तो यह कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बड़ा बदलाव ला सकता है। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि यह आयोग 2.86 के फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) का प्रस्ताव दे सकता है। इससे न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो सकता है, जबकि पेंशनभोगियों की मासिक पेंशन ₹9,000 से ₹25,740 तक बढ़ने की संभावना है।
सरकार के पहले के बयान और मौजूदा स्थिति
हालाँकि, इससे पहले राज्यसभा में दिए गए वित्त मंत्रालय के बयान ने उम्मीदों को झटका दिया था। उस समय कहा गया था कि फिलहाल नए वेतन आयोग की कोई योजना नहीं है। इसके बावजूद, ट्रेड यूनियनों के हालिया प्रयासों और वित्त मंत्री के सकारात्मक रुख से यह मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है।
वेतन आयोग की नई प्रणाली
संभावित 8वें वेतन आयोग की प्रस्तावित प्रणाली कर्मचारी प्रदर्शन और मुद्रास्फीति (Inflation) दरों को ध्यान में रख सकती है। यह प्रणाली कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में समय-समय पर बदलाव को सुनिश्चित करने के लिए अधिक अनुकूल और आधुनिक दृष्टिकोण प्रदान कर सकती है। यह पारंपरिक वेतन आयोग की संरचना के विपरीत होगी, जो हर दस वर्षों में बदलाव की प्रक्रिया अपनाती है।
केंद्रीय बजट से क्या हैं उम्मीदें?
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि आगामी केंद्रीय बजट में 8वें वेतन आयोग की घोषणा हो सकती है। यूनियनों ने सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए इस मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है, तो इससे न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि सरकारी नीतियों में कर्मचारियों का विश्वास भी मजबूत होगा।
सरकार के सामने चुनौतियाँ
वेतन आयोग का गठन करते समय सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें वित्तीय बोझ (Financial Burden) का मुद्दा प्रमुख है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने से सरकारी खर्चों में भारी वृद्धि हो सकती है, जिसके लिए सरकार को अन्य योजनाओं में कटौती करनी पड़ सकती है।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए क्या होगा असर?
यदि 8वें वेतन आयोग के प्रस्तावित सुधार लागू होते हैं, तो यह न केवल कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में वृद्धि करेगा, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार लाएगा। इसके साथ ही, यह कदम निजी क्षेत्र (Private Sector) में वेतन संरचना को भी प्रभावित कर सकता है।